Wednesday, December 30, 2009

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Wednesday, December 23, 2009

qamar jalalabadi

देश के लाखों
> जवानों की तमन्ना है
> रफी,
> ज़ख्म-इ-दिल
> के लिए ख्वाबों का
> मसीहा है रफी,
> इसके नगमों
> ने जगाये हैं हजारों
> जज़्बात,
>
> सिर्फ नगमा
> नहीं, नग्मात की दुनिया
> है रफी,
> इसके गीतों
> के है दीवाने ज़माने
> में सभी,
> जितने
> फनकार हैं इन सबमे में
> अनोखा है रफी,
>
> मैंने पूछा
> के कलाकार हमारा है
> कहाँ,
> इसके नगमों
> ने कहा "आज भी जिंदा
> हैं रफी".