H O M E F O R T H E M U S I C L O V E R I N Y O U मेरे दिल की गहराइयोंमें झांक कर देख मेरे दोस्त, कहीं यह वोह सुरूर तो नही मोहम्मद रफी कहें जिसे
Wednesday, December 30, 2009
Wednesday, December 23, 2009
qamar jalalabadi
देश के लाखों
> जवानों की तमन्ना है
> रफी,
> ज़ख्म-इ-दिल
> के लिए ख्वाबों का
> मसीहा है रफी,
> इसके नगमों
> ने जगाये हैं हजारों
> जज़्बात,
>
> सिर्फ नगमा
> नहीं, नग्मात की दुनिया
> है रफी,
> इसके गीतों
> के है दीवाने ज़माने
> में सभी,
> जितने
> फनकार हैं इन सबमे में
> अनोखा है रफी,
>
> मैंने पूछा
> के कलाकार हमारा है
> कहाँ,
> इसके नगमों
> ने कहा "आज भी जिंदा
> हैं रफी".
> जवानों की तमन्ना है
> रफी,
> ज़ख्म-इ-दिल
> के लिए ख्वाबों का
> मसीहा है रफी,
> इसके नगमों
> ने जगाये हैं हजारों
> जज़्बात,
>
> सिर्फ नगमा
> नहीं, नग्मात की दुनिया
> है रफी,
> इसके गीतों
> के है दीवाने ज़माने
> में सभी,
> जितने
> फनकार हैं इन सबमे में
> अनोखा है रफी,
>
> मैंने पूछा
> के कलाकार हमारा है
> कहाँ,
> इसके नगमों
> ने कहा "आज भी जिंदा
> हैं रफी".
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